Laptop का Volt In Section, ज्यादातर Motherboard में दो Mosfet से बना होता है। ये Mosfet, N – Channel और P – Channel दोनों हो सकते हैं।
इन दोनों Mosfet में पहले Mosfet एक Side से Adapter के Jack से Connected होता है, जिसके बिच में Fuse तथा Coil मिल सकती है।
दूसरा Mosfet एक Side से पहले Mosfet के Output से Connect होता है तथा दूसरा Side से Common Fuse से Connected रहता है।
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N – Channel VIN Section
N Channel Mosfet लगे होने पर दोनों Mosfet का Gate एक दूसरे से Connect होता है और इसके Gate को Output से अधिक Voltage की जरुरत होती है।
इसलिए Motherboard को Adapter से Connect करने पर Adapter की सप्लाई VCC (19V) के रूप में Charging IC को दी जाती है।
इसी Voltage से एक Divider Resistor बनाकर AC Detect / AC SET / AC IN (2.5V), IC के Pin पर बनती है। इस Supply के बनते ही IC, LDO / REGN / VDDP (6V) की सप्लाई IC के Pin से Out होकर BTST Pin को दी जाती है।
यह Supply मिलते ही CSLRC / CSMRC, Pullup हो जाता है तथा दूसरी तरफ Adapter की Supply, Mosfet से Pass होकर CSMRC को मिलती है।
जिस समय CSMRC और REGN आपस में Add होकर (CSMRC 19V + REGN 6V = 25V) बनती है। उसके बाद AC Drive Pin के द्वारा Mosfet के Gate को Supply बनती है।
जिससे दोनों Mosfet के Output Current Sensing Resistor (Fuse, CLR, B+) के ऊपर मिलती है, जिसके बाद IC को ACP तथा AC IN Supply मिलती है जिससे IC को AC Present तथा AC Input का Signal मिलती है।
P – Channel VIN Section
वही P – Channel Mosfet लगे होने पर Connection Same रहता है, पर AC DRIVE की Supply (CSMRC – REGN 19V – 6V = 13V) पास होकर Mosfet की Gate से मिलती है।
P – Channel Mosfet रहने पर दोनों Mosfet के Gate को IC के अलावा Voltage Divider Resistor का Use करके Mosfet के Gate को Drive किया जाता है।
Divider बनाने के लिए Resistor का एक सिरा Direct Ground से या किसी Mosfet से या किसी (SOT Components) Protection Diode से जुड़ा हो सकता है।
यदि Mosfet हो तो उसका Source, Ground से Connected होता है तथा Gate को On करने के लिए AC OK / AC PRN – Pin से Enable सप्लाई बनती है।
वही कुछ Board में इसका Connection, REGN से Out होने वाली Supply से Connect होता है, जिससे Mosfet On होकर Source का Ground, Drain तक पहुँचता है जिससे Divider Resistor बन जाता है।
Mosfet को Drive करने के लिए Protection का Circuit मील सकता है, Protection Circuit में, Transistor, Mosfet या (SOT) का Use मिल सकता है।
इस Circuit को Protection के लिए लगाया जाता है, जिसके खराब होने से Volt In की सप्लाई डिस्ट्रीब्यूट हो सकती है।
Sensing Resistor पर सप्लाई मिलते ही Charging IC को ACP एवंम AC IN के द्वारा Volt In की Supply को Sense किया जाता है, तथा दूसरी तरफ IO के लिए AC OK (3.3V) Signal भेज कर Current का Information दिया जाता है।
IO को AC OK मिलने पर IC को Data Clock तथा Health Pin से Battery की Information IO भेजती है। उस Information को IO – SDA तथा HCL के द्वारा Charging IC को Send करती है।
IC को Battery को मिलते ही Charging के लिए लगे दोनों Mosfet के Gate को On करता है, जिस Upper Gate एवंम Lower Gate कहते हैं।
दोनों Mosfet में Main Mosfet का Drain, CLR Point से Connect होता है, तथा Main Mosfet का Source, Supporting Mosfet के Drain से Connect होता है और यही Connection Output के रूप में Coil से होकर Battery के (+Ve) Pin पर जाकर Connect होती है।
Adapter Remove करने पर Battery का Supply एक Fuse से होकर Charging Mosfet के Output से Connect होता है। Fuse के दोनों सिरा SPR और SRN Pin से Connect होता है।
CLR Fuse से Pass होकर एक Mosfet से Connect होती है, जिसका Output, Battery के Supply से Connect होता है। यह Mosfet N Channel रहने पर इसका Gate IC के Batt Drive Pin से Connect रहता है।
यह Mosfet P Channel रहने पर इसके Gate का Connection Adapter के Supply से Connect होकर इसे Resistor से Ground को दिया जाता है, अथवा Negative Pulse देने के लिए किसी Mosfet या Transistor से Connect हो सकता है।
यह Discharging Mosfet हमेशा Battery Side से Forward Bias में लगा रहता है। जिसका Output Current Sensing Fuse से Connect रहता है। वही HP, Lenovo Laptop रहने पर Charging IC के ADPI Pin से Adapter की Information, IO को दी जाती है।
Note :- कुछ Motherboard में Laptop का Thermal Section, Charging IC से Connected मिल सकता है।